एक्सपर्ट्स पैनल
मदन एम. ओबेरॉय, सीनियर पुलिस ऑफिसर
पवन दुग्गल, साइबर क्राइम एक्सपर्ट
डॉ. जितेंद्र नागपाल, सीनियर साइकायट्रिस्ट
डॉ. अंजलि छाबड़िया, सीनियर साइकायट्रिस्ट
डॉ. दीपक रहेजा, सीनियर साइकायट्रिस्ट
बस एक भूल और जिंदगी बेजार हो जाती है। यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं बल्कि साइबर क्राइम के शिकार हुए लोगों की हकीकत है। आजकल सोशल मीडिया पर सेक्स, एंटरटेनमेंट, एक्साइटमेंट और धोखाधड़ी का धंधा जोरों पर है। इंटरनेट पर ऐसी भूल न करें। अगर गलती हो भी जाए तो उससे निपटने के तरीके क्या हो सकते हैं, एक्सपर्ट्स से बात कर पूरी जानकारी दे रही हैं अनु जैन रोहतगी...
34 साल की रीमा (बदला हुआ नाम), एक मल्टी नैशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर हैं। शादीशुदा हैं और 10 साल का बेटा भी है। पति का बड़ा बिजनस है और काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता है। पैसों की कमी बिल्कुल नहीं है। रीमा को भी ऑफिस के काम के लिए बाहर जाना पड़ता है इसलिए घर नौकर-चाकर के भरोसे चल रहा है। रीमा काम के साथ-साथ मौज-मस्ती के लिए भी पूरा समय निकाल लेती हैं। वीकेंड पार्टी या फिर फेसबुक चैटिंग में गुजर जाता है। एक दिन अचानक रीमा की जिंदगी में जैसे भूचाल आ जाता है। उसे एक मेल आता है और उसका टाइटल भी कुछ चौकाने वाला होता है। Read the mail and act wisely (मेल पढ़ो और समझदारी से काम करो)। रीमा उत्सुक होकर मेल खोलती है, तो उसके होश उड़ जाते हैं। मेल में रीमा की कुछ बिना कपड़ों के फोटो हैं। साथ में लिखा है 5 लाख रुपये चाहिए, नहीं तो ये फोटो तुम्हारे पति को भेज दी जाएंगी। कुछ समय पहले ही रीमा ने अपने एक नए फेसबुक फ्रेंड के दबाव में और शराब के नशे में उत्तेजित होकर फेसबुक पर चैट के दौरान अपने कपड़े उतार दिए थे। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि चैट के दौरान उसकी बिना कपड़ों के फोटो को खींची जाएगी और उसे ब्लैकमेल किया जाएगा। शर्म में डूबी रीमा बहुत डर गई और किसी को बताए बिना ही पहली बार 5 लाख और दूसरी बार 3 लाख रुपये देकर अपनी जान छुड़ाई। इस बात को काफी समय हो चुका है, लेकिन अभी तक रीमा डर के साये में जी रही है। एक साइकायट्रिस्ट के पास उसकी अभी तक काउंसलिंग चल रही है।
28 साल के रवि (बदला हुआ नाम) दिल्ली में अकेले रहता है। अच्छी जॉब है। परिवार से दूर होने के कारण रात का समय फेसबुक, वाट्सअप चैट पर ही गुजरता है। कई वट्सऐप दोस्त भी बन गए हैं। लेकिन फेसबुक की यह दोस्ती एक दिन रवि को बहुत भारी पड़ गई। फेसबुक नोटिफिकेशन चेक करते समय अचानक एक सुंदर लड़की का चेहरा सामने आकर रवि से दोस्ती की पेशकश करता है। अकेले रह रहे रवि की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई। दो-तीन दिन लगातार देर रात तक बातें होती रहीं और दोस्ती प्यार में भी बदल गई। एक दिन लड़की ने रवि के सामने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए। उसने रवि को भी ऐसा करने पर उकसाया। लड़की का जुनून रवि के सिर पर सवार था और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए। कब, कैसे उसने लड़की की अदाओं पर रीझ कर मैस्टरबेशन भी कर लिया। अगले ही दिन रवि की सारी खुमारी उतर गई, जब चैट पर उस लड़की के बजाय उसे एक लड़के ने संबोधित किया और धमकाया कि उसके पास मैस्टरबेशन करते हुए रवि की सेक्स रिकॉर्डिंग है।
अगर 10 लाख रुपये नहीं मिले तो वह विडियो उसके परिवार और दोस्तों को भेज दिया जाएगा। घबराए रवि ने तुंरत चैट बंद कर ली और फेसबुक अकाउंट ही डिलीट कर दिया। लेकिन यह उस गलती का हल तो नहीं था जो रवि कर चुका था। अगले दिन रवि को एक मेल मिलता है जिस पर लिखा होता है वॉच एंड डिसाइड (देखो और फैसला करो) मेल में एक क्लिपिंग में रवि की मैस्टरबेशन करते हुए की 2 मिनट की विडियो थी। रवि बहुत घबरा चुका था, लेकिन उसने समझदारी से काम लिया और ये बात अपने एक वकील दोस्त से शेयर कर ली। वकील ने उसे फौरन पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने की सलाह दी और फेसबुक को इसकी जानकारी देकर, ब्लैकमेल करने वाले की पहचान देने का ईमेल लिखा। इसका असर यह हुआ कि पकड़े जाने के डर से ब्लैकमेलिंग करने वालों ने मेल भेजना बंद कर दिया और रवि की जान में जान आई। साथ ही उसे एक अच्छा सबक भी मिला।
25 साल की नेहा के मामले में उसे मजा चखाने, बदनाम करने के लिए, उसके ही साथ काम करने वाले एक सहयोगी ने बाकायदा उसके कंप्यूटर को हैक करके उसकी कुछ गंदी फुटेज का विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बात यह थी कि नेहा ने अपने सहयोगी के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, इससे नाराज होकर उसने नेहा को बदनाम करने की ठान ली। नेहा के बारे में उसने घर के नौकरों और कुछ करीबी सहेलियों से जानकारी ली। पता चला कि नेहा अपने कमरे में बिना कपड़ों के घूमती है और उसका कंप्यूटर-वेबकैम 24 घंटे चालू रहता है। बस उसने नेहा के कंप्यूटर को हैक करके, रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। लगभग डेढ़ घंटे का विडियो बनाया और 5 मिनट की फुटेज नेहा को भेज दी। नेहा का मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है।
ब्लैकमेलिंग के ऐसे मामलों को सेक्सटॉर्शन (sextortion) के नाम से जाना जाता है और इसके शिकार लोगों की संख्या विदेशों में तो थी ही, अब अपने देश में भी तेजी से बढ़ रही है। आज की मॉडर्न लाइफ में इंटरनेट चैटिंग एक जुनून, एक जरूरत, एक स्टाइल बनती जा रही है। चैंटिंग के दौरान पता ही नहीं चलता कि आप कब-कैसे दूसरे आदमी से एकदम खुल जाते हैं, उससे हर बात शेयर करने लगते हैं। जब पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है।
इसी बात का फायदा कुछ साइबर क्राइम में ऐक्टिव गैंग उठा रहे हैं। इनका धंधा ही सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों को फंसाना और पैसा कमाना है। सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों की कोई उम्र सीमा नहीं है। एक तरफ जहां इसमें स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के-लड़कियां शिकार होती हैं, वहीं कई बार 50-55 साल तक के लोग भी लड़कियों से दोस्ती, उनसे संबंध बनाने के चक्कर में सेक्सटॉर्शन का शिकार बन रहे हैं।
बदनामी और शर्म के चलते ऐसे मामले पुलिस के पास बहुत कम पहुंचते हैं, लेकिन कई बार साइकायट्रिस्ट के पास पहुंच जाते हैं। बदनामी, शर्म, ग्लानि के चलते ऐसे लोग डिप्रेशन, घबराहट, काम में मन न लगना, नींद न आना और कई साइकोसोमैटिक (मानसिक बीमारी के कारण शारीरिक बीमारी हो जाना) बीमारियों का शिकार बनकर एक्सपर्ट के पास पहुंचते हैं। वहां भी बहुत मुश्किल से ही कोई बात सामने आती है। साइकायट्रिस्ट कई-कई काउंसलिंग के बाद ही सच्ची बात सामने आती है। साइकायट्रिस्ट के पास अमूमन दो तरह के मामलों में लोग सलाह या इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। पहले वे मामले हैं, जो सेक्सटॉर्शन का शिकार हो चुके हैं और अब डिप्रेशन, नींद न आना जैसी बीमारियों का शिकार बन चुके हैं। दूसरा ग्रुप ऐसे लोगों का है जो नशे, पागलपन में वेब चैट के दौरान सेक्स गतिविधियां कर चुके हैं या अपने किसी दोस्त को अपनी बोल्ड तस्वीर शेयर कर चुके हैं। उन्हें अब रह-रहकर फोटो, विडियो लीक होने, ब्लैकमेलिंग का शिकार होने का डर सता रहा है। हालांकि, उनकी वेब पर फ्रेंडशिप कायम है, लेकिन एक डर के साथ। ऐसे लोग डर, घबराहट के साथ मदद लेने पहुंचते हैं कि अगर कुछ उलटा-सीधा हो गया तो वह क्या करे?
क्या है सेक्सटॉर्शन
स्पाई कैमरे या मोबाइल या वेब कैम के जरिए किसी की सेक्स गतिविधि को रिकॉर्ड करना या किसी की बिना कपड़ों की तस्वीरों को शूट करके उसके जरिए ब्लैकमेल करने को सेक्सटॉर्शन कहा जाता है। सेक्सटॉर्शन के ऐसे मामले पिछले दो-तीन बरसों से ही सामने आ रहे हैं। अहम बात यह भी है कि दूसरे ब्लैकमेलिंग के मामलों की तरह ऐसे केसों की रिपोर्टिंग भी बहुत कम है। पिछले एक-दो बरसों में कुछ लोग हिम्मत करके पुलिस, वकील और डॉक्टरों के पास मदद के लिए पहुंच रहे हैं और पता चलने लगा कि है सेक्सटॉर्शन के इस तरीके से लोगों को ठगा जा रहा है।
कैसे फंसाते हैं
इस काम में ऐक्टिव कुछ ग्रुप फेसबुक, स्काइप या किसी दूसरे माध्यम का इस्तेमाल करके अपने शिकार को फंसाते हैं। पहले ये इंटरनेट पर अपनी नकली पहचान बनाते हैं। फिर खूबसूरत लड़के-लड़कियों को हनी ट्रैप की तरह इस्तेमाल करके अपने शिकार से दोस्ती करवाते हैं। उन्हें बहुत करीब आने, दोस्ती बढ़ाने के लिए उकसाते हैं। धीरे-धीरे अपने शिकार को वेबकैम के सामने सेक्सुअल ऐक्ट करने, कपड़े बदलने और उतारने के लिए उकसाते हैं। हैरानी की बात तो यही है कि ज्यादातर लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं। यही कारण है कि इनके शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है। अपने शिकार को फंसाने के लिए इन्हें 10 दिनों से लेकर कई महीनों का समय लग जाता है। ज्यादातर गैंग बहुत ही प्रफेशनल तरीके से काम करते हैं। टारगेट की माली हालत, परिवार, मैरिटल स्टेट्स, शौक आदि की जानकारियां जुटाई जाती हैं। पता चलने पर कि लड़का या लड़की पैसेवाला है। दिलफेंक है, करीबी दोस्त बनाने पर यकीन करता है, तभी उनको टारगेट किया जाता है और पूरा समय लगाया जाता है। जानकारों के मुताबिक इस समय इस काम में लगे 80 फीसदी इंटरनैशनल गैंग ऐक्टिव हैं, जबकि देसी गैंग की संख्या 20 फीसदी होगी।
क्या हैं सेक्सटॉर्शन के तरीके
इस समय सबसे ज्यादा फेसबुक के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है। इसके बाद स्काइप, लिंक्ड-इन, स्नैपचैट, इंस्टाग्रैम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
नेट पर दोस्ती: पहले दोनों की रजामंदी से वेबकैम के सामने कपड़े बदलने, सेक्सुअल ऐक्ट करने का सिलसिला शुरू हो जाता है और बाद में यही एपिसोड ब्लैकमेलिंग में बदल जाता है।
कंप्यूटर हैकिंग: कंप्यूटर हैक करके भी सेक्सटॉर्शन के बहुत मामले सामने आए हैं, लेकिन इस क्राइम को ज्यादातर बहुत ही प्रफेशनल लोग करते हैं। सफल हो गए तो बहुत ही मोटी रकम उगाही जाती है। इसके शिकार वही लोग बनते हैं, जो बहुत ज्यादा अपना समय वेब कैम के सामने गुजरते हैं। उसके सामने ही कपड़ें बदल लेते हैं या कोई सेक्सुअल ऐक्ट करते हैं। हैकर लगातार आपके कंप्यूटर का विडियो रिकॉर्डिंग करते हैं और जब भी कोई बिना कपड़ों के वीडियो या फोटो हाथ लगती है, सेक्सटॉर्शन शुरू कर देते हैं।
सिस्टम में बिना कपड़ों की तस्वीरें
हैकर उन लोगों के भी कंप्यूटर हैक करते हैं, जो फन या एक्साइटमेंट में अपना ही सेक्स विडियो या बोल्ड तस्वीरें सिस्टम में डाल देते हैं। उनका सिस्टम हैक करके उनसे उगाही के मामले भी सामने आ रहे हैं।
फोटो की मॉर्फिंग
कई बार आपकी फोटो को मॉर्फ करके आपका फेस किसी और लड़की या लड़के के शरीर पर फिट कर दिया जाता है, जिसने कपड़े नहीं पहने होते। यह काम इतनी बखूबी होता है कि मॉर्फ फोटो के जरिए ही सेक्सटॉर्शन शुरू हो जाता है।
स्नैपचैट का खेल
आजकल स्नैपचैट का काफी क्रेज है। खासकर स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वालों के बीच ज्यादा है। इसे भी सेक्सटॉर्शन के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है। जानकारों के मुताबिक यंग लड़के-लड़कियां अपनी बोल्ड तस्वीरें एक मेसेज के जरिए एक-दूसरे को भेजते हैं। यह मेसेज अपने आप ही 10 सेकंड में डिलीट हो जाता है। भेजने वाला फन में यह काम करता है, लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर ऐसे भी आ गए हैं जिनकी मदद से भेजी गई तस्वीरों को 10 सेकंड में सेव कर लिया जाता है और फिर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है।
किन कारणों से सेक्सटॉर्शन
इसके तीन अहम कारण है:
1. सबसे बड़ा कारण है पैसे की उगाही। जानकार बताते हैं कुछ इंटरनैशनल गैंग बहुत ज्यादा ऐक्टिव होकर काम कर रहे हैं, उनका सिर्फ एक ही मकसद है पैसे कमाना। इसके लिए वे कंप्यूटर हैकिंग से लेकर नेट फ्रेंडशिप के जरिए अलग-अलग देशों के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इनका शिकार बनने वालों में टीनएजर के साथ विवाहित महिलाओं की संख्या ज्यादा है। अमीर, शादीशुदा या परिवार से दूर रहने वाले पुरुष भी इनके टारगेट पर रहते हैं। ये लोग 60-70 साल के लोगों को भी अपना शिकार बनाने के लिए ढूंढते हैं।
2. किसी को मजा चखाने, बदला लेने, किसी की इमेज को खराब करने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। कई लोग व्यक्तिगत रूप से किसी से बदला लेने के लिए भी यह काम करते हैं।
3. पीडोफिलिक (बच्चों के साथ संबंध बनाने वाला) भी यह काम कर रहे हैं। बच्चों को चैट पर आकर्षित करके, उनके बोल्ड विडियो, फोटो रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर बाद में उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हैं। यूएस और कई दूसरे देशों में ये मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। अब हमारे देश में भी इस जुर्म की शुरुआत हो चुकी है।
जब बन जाएं शिकार
1. सबसे पहले नजदीक के थाने या साइबर क्राइम सेल में इसकी रिपोर्ट करें।
2. अपने परिवार के किसी सदस्य को इसकी जानकारी जरूर दें। बताने में बहुत शर्म आएगी, लेकिन यह बहुत-सी परेशानियों से बचाएगा।
3. जिस आईडी का इस्तेमाल करके आपको ब्लैकमेल किया गया है, उसे तुरंत ब्लॉक कर दें।
4. अपने इंटरनेट एडमिन को फौरन सूचित करें और ब्लैकमेल करने वाले की आईडी के बारे में जानकरी हासिल करें। जैसे आप फेसबुक पर सेक्सटॉर्शन का शिकार बने हैं तो फेसबुक एडमिन को फौरन सूचित करें।
5. जिस प्लैटफॉर्म पर आपको शिकार बनाया गया है, उसको कुछ समय के लिए डीऐक्टिवेट कर दें।
6. यह बात ध्यान रखें कि आप जितना डरेंगे, उतना ही आपको डराया जाएगा।
7. आपने ब्लैकमेल करनेवाले से जो भी चैट किया है, उसका स्क्रीन शॉट ले लें।
8. अगर आपने ब्लैकमेलिंग के लिए ऑनलाइन पेमंट किया है, तो पेमंट कहां गया है, उसे देखकर पुलिस को जानकारी दें।
9. ब्लैकमेलर के जरिए दी गई किसी भी जानकारी का पूरा रिकॉर्ड रखें। जैसे कि स्काइप की नाम, आईडी, फेसबुक यूआरएल, वेस्टर्न यूनियन या मनीग्राम का मनी ट्रांसफर कंट्रोल नंबर।
क्या ना करें
1. कभी भी चुप ना बैठें। यह मत सोचें कि एक बार पैसा देकर बच जाएंगे। हो सकता है और डिमांड आनी शुरू हो जाए। आपसे गलती हुई है, इसलिए उसका सामना करें। आत्मविश्वास के साथ लड़ें।
2. कभी भी किसी रिकॉर्डिंग, बातचीत, मेल को डिलीट न करें। दरअसल, ये लिंक्स आगे चलकर पुलिस के काम आती हैं।
3. कभी भी डिमांड करने वाले से सीधी बात ना करें। फोन पर बात न करें। इससे उन्हें प्रोत्साहन मिलता है।
4. ज्यादातर साइबर गैंग फोटो या सेक्स रिकॉर्डिंग्स की क्लिपिंग भेजने के लिए मेल का इस्तेमाल करते हैं, कोशिश करें, उसे बार-बार ना देखें। आप परेशान होंगे।
5. पैसा बिलकुल ना दें। एक बार अगर दे दिया तो भी डिमांड आ सकती है। इतना ही नहीं, यह भी मुमकिन है कि ब्लैकमेलर पैसा लेने के बाद भी आपकी सेक्स विडियो वायरल कर दे।
स्कूल-कॉलेज के बच्चे शिकार
चिंता की बात यह है कि ऐसे मामलों में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले यंग लड़के-लड़कियां भी शिकार हो रहे हैं। कुछ फेसबुक पर चैट के दौरान हनी ट्रैप का शिकार हो रहे हैं तो कुछ बच्चे वेब कैम के जरिए। ये पीडोफिलिक के भी संपर्क में आ रहे हैं और शिकार होते हैं। हैरानी की बात है कि काउंसलर, साइकायट्रिस्ट के पास आने वाले ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं, जहां 12 से 19 साल के बच्चे फन, फैशन, दिखावे, प्यार में या बेवकूफी में अपनी बोल्ड तस्वीरें या विडियो अपने दोस्तों को शेयर करते हैं और बाद सेक्सटॉर्शन का शिकार होते हैं।
16 साल की सविता (बदला हुआ नाम है) का अपने स्कूल में पढ़ने वाले एक लड़के से अफेयर हो गया। लड़के ने सविता को प्यार का वास्ता देकर कम कपड़ों में फोटो भेजने के लिए मना लिया। उसी फोटो को, उस लड़के ने अपने एक दोस्त के साथ शेयर कर दिया। बस उसके दोस्त के शैतानी दिमाग ने सविता को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। पहले थोड़े-बहुत पैसों की मांग शुरू की, लेकिन बाद में उसने अपने साथ संबंध बनाने के लिए सविता पर दबाव डालना शुरू कर दिया। परेशान सविता धीरे-धीरे डिप्रेशन में जाने लगी, स्कूल जाने से कतराने लगी, हंसमुख स्वभाव की सविता बहुत उदास रहने लगी। पैरंट्स को लगा कुछ गड़बड़ है और उसे काउंसलिंग के लिए एक्सपर्ट के पास ले गए। एक-दो नहीं बल्कि 6 सिटिंग के बाद कविता कुछ खुली और डॉक्टर को बताया। पूरा वाकया सुनकर पैरंट्स के होश उड़ गए। स्कूल में प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी गई और दोनों लड़कों के खिलाफ सख्त कारवाई हुई। स्कूल-कॉलेजों में सेक्सटॉर्शन के ऐसे मामले कुछ ज्यादा आ रहे हैं।
कैसे पहचानें पैरंट्स
-बच्चा बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताता है, रात में कुछ ज्यादा।
-उसके कमरे का दरवाजा हमेशा बंद रहता है या वह अकेले कोने में बैठना पसंद करता है।
-दरवाजे पर दस्तक देकर अंदर आने पर जोर देता है।
-अपोजिट सेक्स के साथ दोस्ती करने के लिए हमेशा इच्छुक रहता है।
-इंटरनेट पर दोस्तों की लिस्ट काफी लंबी है।
-कई बार डिप्रेशन के शिकार बच्चे भी गलत चीजों में फंस जाते हैं, इसलिए बच्चे की इस बीमारी को गंभीरता से लें।
- स्कूल जाने से कतराने लगा है।
-दोस्तों-परिवार से कटने लगा है।
- भूख कम हो गई है या बहुत ज्यादा खाने लगा है।
-बच्चा अगर रियल जिंदगी से ज्यादा रील जिंदगी में यकीन करने लगा है।
-किसी लड़के या लड़की से ब्रेकअप हो चुका है। इमोशनल ट्रॉमा में चल रहा हो।
ये ऐसी बातें हैं, जो बच्चे को सेक्सटॉर्शन में फंसने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं। इसलिए पैरंट्स के लिए यह जरूरी है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें।
कैसे बचाएं बच्चों को
-इंटरनेट चाहे कंप्यूटर पर उपलब्ध हो या फोन पर, उसकी समयसीमा जरूर बना दें। बच्चे अमूमन इसे मानते नहीं, लेकिन यह जरूरी है।
-बच्चों के सामने पैरंट्स भी सोशल मीडिया पर ज्यादा ऐक्टव न रहें। इससे बच्चों के सामने सही उदाहरण पेश होगा।
-बच्चों को समझाएं कि इंटरनेट पर 3000 दोस्त बनाने के बजाय असल जिंदगी में तीन अच्छे दोस्त बनाना बड़ी उपलब्धि है। ऐसे दोस्त ही वक्त पर काम आते हैं।
-बच्चा अगर लगातार चैट करता है तो कभी-कभी उसके बारे में जानकारी लें। मसलन कौन दोस्त बना है, कहां रहता है, परिवार में कौन-कौन है? उस दोस्त तक भी यह जानकारी पहुंचाएं कि आप उसके बारे में थोड़ा-बहुत जानते हैं।
-बच्चों के साथ दोस्ताना बने रहिए। उनमें हर छोटी-बड़ी बात शेयर करने की आदत डालें, इसके लिए आपको समय निकालना होगा।
-बच्चों को सेक्सटॉर्शन के बारे में जरूर जानकारी दें।
- उनके सोशल मीडिया अकाउंट में से मोबाइल नंबर, ईमेल आदि की जानकारी हटवा दें।
क्या ना करें
1. गुस्सा करना: गैजेट्स का इस्तेमाल कम या सीमित करने के लिए बच्चा नहीं मान रहा है तो गुस्सा न करें, डांट बिल्कुल न लगाएं। इससे बच्चा विद्रोह कर सकता है और फिर छुपकर वही काम करेगा।
2. बातचीत बंद करना: उसके साथ बातचीत के जरिए ही संवाद कायम रखें। इसमें समय लगेगा लेकिन वह आपकी बात माने लेगा।
3. मोबाइल छीनना: गुस्से में आकर उसका मोबाइल फोन न छीनें। इंटरनेट कनेक्शन न कटवाएं। इससे वह इंटरनेट का इस्तेमाल बाहर कर लेगा, जो ज्यादा खतरनाक है।
4. गलती को फैलाना: बच्चे की किसी गलती का पता लग गया है तो उसकी गलती का ढिंढोरा नहीं पीटें। इससे पहले से ही परेशान, ग्लानि में डूबे बच्चे का आत्मविश्वास टूट सकता है। वह डिप्रेशन में जा सकता है। कोई गलत कदम उठा सकता है। बच्चे की मदद करें। उसे यकीन दिलाएं कि हर समस्या, परेशानी में आप उसके साथ ही खड़े हैं। बच्चे की समस्या का हल ढूंढ़ने की कोशिश करें।
5. चुप बैठ जाना: बच्चा अगर सेक्सटॉर्शन का शिकार हो गया है तो चुप बिल्कुल न बैठें। स्कूल से नाम कटवाने के बजाय या कहीं दूर भेजने के बजाय प्रिंसिपल, संबंधित अधिकारियों से शिकायत करें। वह कॉलेज में है तो पुलिस, संबंधित एक्सपर्ट, एजेंसियों की फौरन मदद लें। याद रखें आप अगर चुप बैठ गए तो बदमाश का साहस और बढ़ेगा। आज उसने आपके बच्चे को शिकार बनाया है, कल किसी और को बनाएगा। इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है।
सेक्सटॉर्शन से निपटने के लिए कानून
1. सबसे पहले आईटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज होता है।
2. क्योंकि यह क्राइम पैसा के लिए होता है, इसलिए आईपीसी की धारा 384 लागू होगी।
3. धारा 292 अश्लीलता से संबंधित है, जिसके तहत मामला दर्ज हो सकता है।
4. इसके अलावा धारा 67, 67ए, बी के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है।
5. शिकायतकर्ता अगर महिला है तो 'इंडिसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वुमन' ऐक्ट का भी पुलिस इस्तेमाल कर सकती है।
6. यदि आप पुलिस में नहीं जाना चाहते और क्रिमिनल केस नहीं चाहते तो सिविल केस दर्ज कर सकते हैं। इसमें नेट ऐडमिन तक को नोटिस भिजवाकर जानकारी मांगी जा सकती है।
बढ़ रहे हैं इंटरनेट मिसयूज के मामले
माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 77 प्रतिशत भारतीय किसी-न-किसी रूप में साइबर क्राइम मिसयूज के शिकार हुए हैं, इनमें साइबर बुलिंग, ट्रॉलिंग, ऑनलाइन सेक्स संबंधित मेसेज भेजना, तंग करना, सेक्सटॉर्शन जैसे अपराध शामिल हैं। इस स्टडी का मकसद लोगों को साइबर क्राइम के बढ़ते खतरों से जागरूक करने और उनसे सावधान रहने के लिए की गई थी।
मदन एम. ओबेरॉय, सीनियर पुलिस ऑफिसर
पवन दुग्गल, साइबर क्राइम एक्सपर्ट
डॉ. जितेंद्र नागपाल, सीनियर साइकायट्रिस्ट
डॉ. अंजलि छाबड़िया, सीनियर साइकायट्रिस्ट
डॉ. दीपक रहेजा, सीनियर साइकायट्रिस्ट
बस एक भूल और जिंदगी बेजार हो जाती है। यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं बल्कि साइबर क्राइम के शिकार हुए लोगों की हकीकत है। आजकल सोशल मीडिया पर सेक्स, एंटरटेनमेंट, एक्साइटमेंट और धोखाधड़ी का धंधा जोरों पर है। इंटरनेट पर ऐसी भूल न करें। अगर गलती हो भी जाए तो उससे निपटने के तरीके क्या हो सकते हैं, एक्सपर्ट्स से बात कर पूरी जानकारी दे रही हैं अनु जैन रोहतगी...
34 साल की रीमा (बदला हुआ नाम), एक मल्टी नैशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर हैं। शादीशुदा हैं और 10 साल का बेटा भी है। पति का बड़ा बिजनस है और काम के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता है। पैसों की कमी बिल्कुल नहीं है। रीमा को भी ऑफिस के काम के लिए बाहर जाना पड़ता है इसलिए घर नौकर-चाकर के भरोसे चल रहा है। रीमा काम के साथ-साथ मौज-मस्ती के लिए भी पूरा समय निकाल लेती हैं। वीकेंड पार्टी या फिर फेसबुक चैटिंग में गुजर जाता है। एक दिन अचानक रीमा की जिंदगी में जैसे भूचाल आ जाता है। उसे एक मेल आता है और उसका टाइटल भी कुछ चौकाने वाला होता है। Read the mail and act wisely (मेल पढ़ो और समझदारी से काम करो)। रीमा उत्सुक होकर मेल खोलती है, तो उसके होश उड़ जाते हैं। मेल में रीमा की कुछ बिना कपड़ों के फोटो हैं। साथ में लिखा है 5 लाख रुपये चाहिए, नहीं तो ये फोटो तुम्हारे पति को भेज दी जाएंगी। कुछ समय पहले ही रीमा ने अपने एक नए फेसबुक फ्रेंड के दबाव में और शराब के नशे में उत्तेजित होकर फेसबुक पर चैट के दौरान अपने कपड़े उतार दिए थे। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि चैट के दौरान उसकी बिना कपड़ों के फोटो को खींची जाएगी और उसे ब्लैकमेल किया जाएगा। शर्म में डूबी रीमा बहुत डर गई और किसी को बताए बिना ही पहली बार 5 लाख और दूसरी बार 3 लाख रुपये देकर अपनी जान छुड़ाई। इस बात को काफी समय हो चुका है, लेकिन अभी तक रीमा डर के साये में जी रही है। एक साइकायट्रिस्ट के पास उसकी अभी तक काउंसलिंग चल रही है।
28 साल के रवि (बदला हुआ नाम) दिल्ली में अकेले रहता है। अच्छी जॉब है। परिवार से दूर होने के कारण रात का समय फेसबुक, वाट्सअप चैट पर ही गुजरता है। कई वट्सऐप दोस्त भी बन गए हैं। लेकिन फेसबुक की यह दोस्ती एक दिन रवि को बहुत भारी पड़ गई। फेसबुक नोटिफिकेशन चेक करते समय अचानक एक सुंदर लड़की का चेहरा सामने आकर रवि से दोस्ती की पेशकश करता है। अकेले रह रहे रवि की तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई। दो-तीन दिन लगातार देर रात तक बातें होती रहीं और दोस्ती प्यार में भी बदल गई। एक दिन लड़की ने रवि के सामने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए। उसने रवि को भी ऐसा करने पर उकसाया। लड़की का जुनून रवि के सिर पर सवार था और उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए। कब, कैसे उसने लड़की की अदाओं पर रीझ कर मैस्टरबेशन भी कर लिया। अगले ही दिन रवि की सारी खुमारी उतर गई, जब चैट पर उस लड़की के बजाय उसे एक लड़के ने संबोधित किया और धमकाया कि उसके पास मैस्टरबेशन करते हुए रवि की सेक्स रिकॉर्डिंग है।
अगर 10 लाख रुपये नहीं मिले तो वह विडियो उसके परिवार और दोस्तों को भेज दिया जाएगा। घबराए रवि ने तुंरत चैट बंद कर ली और फेसबुक अकाउंट ही डिलीट कर दिया। लेकिन यह उस गलती का हल तो नहीं था जो रवि कर चुका था। अगले दिन रवि को एक मेल मिलता है जिस पर लिखा होता है वॉच एंड डिसाइड (देखो और फैसला करो) मेल में एक क्लिपिंग में रवि की मैस्टरबेशन करते हुए की 2 मिनट की विडियो थी। रवि बहुत घबरा चुका था, लेकिन उसने समझदारी से काम लिया और ये बात अपने एक वकील दोस्त से शेयर कर ली। वकील ने उसे फौरन पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने की सलाह दी और फेसबुक को इसकी जानकारी देकर, ब्लैकमेल करने वाले की पहचान देने का ईमेल लिखा। इसका असर यह हुआ कि पकड़े जाने के डर से ब्लैकमेलिंग करने वालों ने मेल भेजना बंद कर दिया और रवि की जान में जान आई। साथ ही उसे एक अच्छा सबक भी मिला।
25 साल की नेहा के मामले में उसे मजा चखाने, बदनाम करने के लिए, उसके ही साथ काम करने वाले एक सहयोगी ने बाकायदा उसके कंप्यूटर को हैक करके उसकी कुछ गंदी फुटेज का विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बात यह थी कि नेहा ने अपने सहयोगी के शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, इससे नाराज होकर उसने नेहा को बदनाम करने की ठान ली। नेहा के बारे में उसने घर के नौकरों और कुछ करीबी सहेलियों से जानकारी ली। पता चला कि नेहा अपने कमरे में बिना कपड़ों के घूमती है और उसका कंप्यूटर-वेबकैम 24 घंटे चालू रहता है। बस उसने नेहा के कंप्यूटर को हैक करके, रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। लगभग डेढ़ घंटे का विडियो बनाया और 5 मिनट की फुटेज नेहा को भेज दी। नेहा का मामला फिलहाल कोर्ट में चल रहा है।
ब्लैकमेलिंग के ऐसे मामलों को सेक्सटॉर्शन (sextortion) के नाम से जाना जाता है और इसके शिकार लोगों की संख्या विदेशों में तो थी ही, अब अपने देश में भी तेजी से बढ़ रही है। आज की मॉडर्न लाइफ में इंटरनेट चैटिंग एक जुनून, एक जरूरत, एक स्टाइल बनती जा रही है। चैंटिंग के दौरान पता ही नहीं चलता कि आप कब-कैसे दूसरे आदमी से एकदम खुल जाते हैं, उससे हर बात शेयर करने लगते हैं। जब पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है।
इसी बात का फायदा कुछ साइबर क्राइम में ऐक्टिव गैंग उठा रहे हैं। इनका धंधा ही सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों को फंसाना और पैसा कमाना है। सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों की कोई उम्र सीमा नहीं है। एक तरफ जहां इसमें स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के-लड़कियां शिकार होती हैं, वहीं कई बार 50-55 साल तक के लोग भी लड़कियों से दोस्ती, उनसे संबंध बनाने के चक्कर में सेक्सटॉर्शन का शिकार बन रहे हैं।
बदनामी और शर्म के चलते ऐसे मामले पुलिस के पास बहुत कम पहुंचते हैं, लेकिन कई बार साइकायट्रिस्ट के पास पहुंच जाते हैं। बदनामी, शर्म, ग्लानि के चलते ऐसे लोग डिप्रेशन, घबराहट, काम में मन न लगना, नींद न आना और कई साइकोसोमैटिक (मानसिक बीमारी के कारण शारीरिक बीमारी हो जाना) बीमारियों का शिकार बनकर एक्सपर्ट के पास पहुंचते हैं। वहां भी बहुत मुश्किल से ही कोई बात सामने आती है। साइकायट्रिस्ट कई-कई काउंसलिंग के बाद ही सच्ची बात सामने आती है। साइकायट्रिस्ट के पास अमूमन दो तरह के मामलों में लोग सलाह या इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। पहले वे मामले हैं, जो सेक्सटॉर्शन का शिकार हो चुके हैं और अब डिप्रेशन, नींद न आना जैसी बीमारियों का शिकार बन चुके हैं। दूसरा ग्रुप ऐसे लोगों का है जो नशे, पागलपन में वेब चैट के दौरान सेक्स गतिविधियां कर चुके हैं या अपने किसी दोस्त को अपनी बोल्ड तस्वीर शेयर कर चुके हैं। उन्हें अब रह-रहकर फोटो, विडियो लीक होने, ब्लैकमेलिंग का शिकार होने का डर सता रहा है। हालांकि, उनकी वेब पर फ्रेंडशिप कायम है, लेकिन एक डर के साथ। ऐसे लोग डर, घबराहट के साथ मदद लेने पहुंचते हैं कि अगर कुछ उलटा-सीधा हो गया तो वह क्या करे?
क्या है सेक्सटॉर्शन
स्पाई कैमरे या मोबाइल या वेब कैम के जरिए किसी की सेक्स गतिविधि को रिकॉर्ड करना या किसी की बिना कपड़ों की तस्वीरों को शूट करके उसके जरिए ब्लैकमेल करने को सेक्सटॉर्शन कहा जाता है। सेक्सटॉर्शन के ऐसे मामले पिछले दो-तीन बरसों से ही सामने आ रहे हैं। अहम बात यह भी है कि दूसरे ब्लैकमेलिंग के मामलों की तरह ऐसे केसों की रिपोर्टिंग भी बहुत कम है। पिछले एक-दो बरसों में कुछ लोग हिम्मत करके पुलिस, वकील और डॉक्टरों के पास मदद के लिए पहुंच रहे हैं और पता चलने लगा कि है सेक्सटॉर्शन के इस तरीके से लोगों को ठगा जा रहा है।
कैसे फंसाते हैं
इस काम में ऐक्टिव कुछ ग्रुप फेसबुक, स्काइप या किसी दूसरे माध्यम का इस्तेमाल करके अपने शिकार को फंसाते हैं। पहले ये इंटरनेट पर अपनी नकली पहचान बनाते हैं। फिर खूबसूरत लड़के-लड़कियों को हनी ट्रैप की तरह इस्तेमाल करके अपने शिकार से दोस्ती करवाते हैं। उन्हें बहुत करीब आने, दोस्ती बढ़ाने के लिए उकसाते हैं। धीरे-धीरे अपने शिकार को वेबकैम के सामने सेक्सुअल ऐक्ट करने, कपड़े बदलने और उतारने के लिए उकसाते हैं। हैरानी की बात तो यही है कि ज्यादातर लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं। यही कारण है कि इनके शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है। अपने शिकार को फंसाने के लिए इन्हें 10 दिनों से लेकर कई महीनों का समय लग जाता है। ज्यादातर गैंग बहुत ही प्रफेशनल तरीके से काम करते हैं। टारगेट की माली हालत, परिवार, मैरिटल स्टेट्स, शौक आदि की जानकारियां जुटाई जाती हैं। पता चलने पर कि लड़का या लड़की पैसेवाला है। दिलफेंक है, करीबी दोस्त बनाने पर यकीन करता है, तभी उनको टारगेट किया जाता है और पूरा समय लगाया जाता है। जानकारों के मुताबिक इस समय इस काम में लगे 80 फीसदी इंटरनैशनल गैंग ऐक्टिव हैं, जबकि देसी गैंग की संख्या 20 फीसदी होगी।
क्या हैं सेक्सटॉर्शन के तरीके
इस समय सबसे ज्यादा फेसबुक के जरिए लोगों को फंसाया जा रहा है। इसके बाद स्काइप, लिंक्ड-इन, स्नैपचैट, इंस्टाग्रैम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
नेट पर दोस्ती: पहले दोनों की रजामंदी से वेबकैम के सामने कपड़े बदलने, सेक्सुअल ऐक्ट करने का सिलसिला शुरू हो जाता है और बाद में यही एपिसोड ब्लैकमेलिंग में बदल जाता है।
कंप्यूटर हैकिंग: कंप्यूटर हैक करके भी सेक्सटॉर्शन के बहुत मामले सामने आए हैं, लेकिन इस क्राइम को ज्यादातर बहुत ही प्रफेशनल लोग करते हैं। सफल हो गए तो बहुत ही मोटी रकम उगाही जाती है। इसके शिकार वही लोग बनते हैं, जो बहुत ज्यादा अपना समय वेब कैम के सामने गुजरते हैं। उसके सामने ही कपड़ें बदल लेते हैं या कोई सेक्सुअल ऐक्ट करते हैं। हैकर लगातार आपके कंप्यूटर का विडियो रिकॉर्डिंग करते हैं और जब भी कोई बिना कपड़ों के वीडियो या फोटो हाथ लगती है, सेक्सटॉर्शन शुरू कर देते हैं।
सिस्टम में बिना कपड़ों की तस्वीरें
हैकर उन लोगों के भी कंप्यूटर हैक करते हैं, जो फन या एक्साइटमेंट में अपना ही सेक्स विडियो या बोल्ड तस्वीरें सिस्टम में डाल देते हैं। उनका सिस्टम हैक करके उनसे उगाही के मामले भी सामने आ रहे हैं।
फोटो की मॉर्फिंग
कई बार आपकी फोटो को मॉर्फ करके आपका फेस किसी और लड़की या लड़के के शरीर पर फिट कर दिया जाता है, जिसने कपड़े नहीं पहने होते। यह काम इतनी बखूबी होता है कि मॉर्फ फोटो के जरिए ही सेक्सटॉर्शन शुरू हो जाता है।
स्नैपचैट का खेल
आजकल स्नैपचैट का काफी क्रेज है। खासकर स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वालों के बीच ज्यादा है। इसे भी सेक्सटॉर्शन के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया है। जानकारों के मुताबिक यंग लड़के-लड़कियां अपनी बोल्ड तस्वीरें एक मेसेज के जरिए एक-दूसरे को भेजते हैं। यह मेसेज अपने आप ही 10 सेकंड में डिलीट हो जाता है। भेजने वाला फन में यह काम करता है, लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर ऐसे भी आ गए हैं जिनकी मदद से भेजी गई तस्वीरों को 10 सेकंड में सेव कर लिया जाता है और फिर ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है।
किन कारणों से सेक्सटॉर्शन
इसके तीन अहम कारण है:
1. सबसे बड़ा कारण है पैसे की उगाही। जानकार बताते हैं कुछ इंटरनैशनल गैंग बहुत ज्यादा ऐक्टिव होकर काम कर रहे हैं, उनका सिर्फ एक ही मकसद है पैसे कमाना। इसके लिए वे कंप्यूटर हैकिंग से लेकर नेट फ्रेंडशिप के जरिए अलग-अलग देशों के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इनका शिकार बनने वालों में टीनएजर के साथ विवाहित महिलाओं की संख्या ज्यादा है। अमीर, शादीशुदा या परिवार से दूर रहने वाले पुरुष भी इनके टारगेट पर रहते हैं। ये लोग 60-70 साल के लोगों को भी अपना शिकार बनाने के लिए ढूंढते हैं।
2. किसी को मजा चखाने, बदला लेने, किसी की इमेज को खराब करने के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। कई लोग व्यक्तिगत रूप से किसी से बदला लेने के लिए भी यह काम करते हैं।
3. पीडोफिलिक (बच्चों के साथ संबंध बनाने वाला) भी यह काम कर रहे हैं। बच्चों को चैट पर आकर्षित करके, उनके बोल्ड विडियो, फोटो रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर बाद में उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करते हैं। यूएस और कई दूसरे देशों में ये मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। अब हमारे देश में भी इस जुर्म की शुरुआत हो चुकी है।
जब बन जाएं शिकार
1. सबसे पहले नजदीक के थाने या साइबर क्राइम सेल में इसकी रिपोर्ट करें।
2. अपने परिवार के किसी सदस्य को इसकी जानकारी जरूर दें। बताने में बहुत शर्म आएगी, लेकिन यह बहुत-सी परेशानियों से बचाएगा।
3. जिस आईडी का इस्तेमाल करके आपको ब्लैकमेल किया गया है, उसे तुरंत ब्लॉक कर दें।
4. अपने इंटरनेट एडमिन को फौरन सूचित करें और ब्लैकमेल करने वाले की आईडी के बारे में जानकरी हासिल करें। जैसे आप फेसबुक पर सेक्सटॉर्शन का शिकार बने हैं तो फेसबुक एडमिन को फौरन सूचित करें।
5. जिस प्लैटफॉर्म पर आपको शिकार बनाया गया है, उसको कुछ समय के लिए डीऐक्टिवेट कर दें।
6. यह बात ध्यान रखें कि आप जितना डरेंगे, उतना ही आपको डराया जाएगा।
7. आपने ब्लैकमेल करनेवाले से जो भी चैट किया है, उसका स्क्रीन शॉट ले लें।
8. अगर आपने ब्लैकमेलिंग के लिए ऑनलाइन पेमंट किया है, तो पेमंट कहां गया है, उसे देखकर पुलिस को जानकारी दें।
9. ब्लैकमेलर के जरिए दी गई किसी भी जानकारी का पूरा रिकॉर्ड रखें। जैसे कि स्काइप की नाम, आईडी, फेसबुक यूआरएल, वेस्टर्न यूनियन या मनीग्राम का मनी ट्रांसफर कंट्रोल नंबर।
क्या ना करें
1. कभी भी चुप ना बैठें। यह मत सोचें कि एक बार पैसा देकर बच जाएंगे। हो सकता है और डिमांड आनी शुरू हो जाए। आपसे गलती हुई है, इसलिए उसका सामना करें। आत्मविश्वास के साथ लड़ें।
2. कभी भी किसी रिकॉर्डिंग, बातचीत, मेल को डिलीट न करें। दरअसल, ये लिंक्स आगे चलकर पुलिस के काम आती हैं।
3. कभी भी डिमांड करने वाले से सीधी बात ना करें। फोन पर बात न करें। इससे उन्हें प्रोत्साहन मिलता है।
4. ज्यादातर साइबर गैंग फोटो या सेक्स रिकॉर्डिंग्स की क्लिपिंग भेजने के लिए मेल का इस्तेमाल करते हैं, कोशिश करें, उसे बार-बार ना देखें। आप परेशान होंगे।
5. पैसा बिलकुल ना दें। एक बार अगर दे दिया तो भी डिमांड आ सकती है। इतना ही नहीं, यह भी मुमकिन है कि ब्लैकमेलर पैसा लेने के बाद भी आपकी सेक्स विडियो वायरल कर दे।
स्कूल-कॉलेज के बच्चे शिकार
चिंता की बात यह है कि ऐसे मामलों में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले यंग लड़के-लड़कियां भी शिकार हो रहे हैं। कुछ फेसबुक पर चैट के दौरान हनी ट्रैप का शिकार हो रहे हैं तो कुछ बच्चे वेब कैम के जरिए। ये पीडोफिलिक के भी संपर्क में आ रहे हैं और शिकार होते हैं। हैरानी की बात है कि काउंसलर, साइकायट्रिस्ट के पास आने वाले ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं, जहां 12 से 19 साल के बच्चे फन, फैशन, दिखावे, प्यार में या बेवकूफी में अपनी बोल्ड तस्वीरें या विडियो अपने दोस्तों को शेयर करते हैं और बाद सेक्सटॉर्शन का शिकार होते हैं।
16 साल की सविता (बदला हुआ नाम है) का अपने स्कूल में पढ़ने वाले एक लड़के से अफेयर हो गया। लड़के ने सविता को प्यार का वास्ता देकर कम कपड़ों में फोटो भेजने के लिए मना लिया। उसी फोटो को, उस लड़के ने अपने एक दोस्त के साथ शेयर कर दिया। बस उसके दोस्त के शैतानी दिमाग ने सविता को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। पहले थोड़े-बहुत पैसों की मांग शुरू की, लेकिन बाद में उसने अपने साथ संबंध बनाने के लिए सविता पर दबाव डालना शुरू कर दिया। परेशान सविता धीरे-धीरे डिप्रेशन में जाने लगी, स्कूल जाने से कतराने लगी, हंसमुख स्वभाव की सविता बहुत उदास रहने लगी। पैरंट्स को लगा कुछ गड़बड़ है और उसे काउंसलिंग के लिए एक्सपर्ट के पास ले गए। एक-दो नहीं बल्कि 6 सिटिंग के बाद कविता कुछ खुली और डॉक्टर को बताया। पूरा वाकया सुनकर पैरंट्स के होश उड़ गए। स्कूल में प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी गई और दोनों लड़कों के खिलाफ सख्त कारवाई हुई। स्कूल-कॉलेजों में सेक्सटॉर्शन के ऐसे मामले कुछ ज्यादा आ रहे हैं।
कैसे पहचानें पैरंट्स
-बच्चा बहुत ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताता है, रात में कुछ ज्यादा।
-उसके कमरे का दरवाजा हमेशा बंद रहता है या वह अकेले कोने में बैठना पसंद करता है।
-दरवाजे पर दस्तक देकर अंदर आने पर जोर देता है।
-अपोजिट सेक्स के साथ दोस्ती करने के लिए हमेशा इच्छुक रहता है।
-इंटरनेट पर दोस्तों की लिस्ट काफी लंबी है।
-कई बार डिप्रेशन के शिकार बच्चे भी गलत चीजों में फंस जाते हैं, इसलिए बच्चे की इस बीमारी को गंभीरता से लें।
- स्कूल जाने से कतराने लगा है।
-दोस्तों-परिवार से कटने लगा है।
- भूख कम हो गई है या बहुत ज्यादा खाने लगा है।
-बच्चा अगर रियल जिंदगी से ज्यादा रील जिंदगी में यकीन करने लगा है।
-किसी लड़के या लड़की से ब्रेकअप हो चुका है। इमोशनल ट्रॉमा में चल रहा हो।
ये ऐसी बातें हैं, जो बच्चे को सेक्सटॉर्शन में फंसने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं। इसलिए पैरंट्स के लिए यह जरूरी है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें।
कैसे बचाएं बच्चों को
-इंटरनेट चाहे कंप्यूटर पर उपलब्ध हो या फोन पर, उसकी समयसीमा जरूर बना दें। बच्चे अमूमन इसे मानते नहीं, लेकिन यह जरूरी है।
-बच्चों के सामने पैरंट्स भी सोशल मीडिया पर ज्यादा ऐक्टव न रहें। इससे बच्चों के सामने सही उदाहरण पेश होगा।
-बच्चों को समझाएं कि इंटरनेट पर 3000 दोस्त बनाने के बजाय असल जिंदगी में तीन अच्छे दोस्त बनाना बड़ी उपलब्धि है। ऐसे दोस्त ही वक्त पर काम आते हैं।
-बच्चा अगर लगातार चैट करता है तो कभी-कभी उसके बारे में जानकारी लें। मसलन कौन दोस्त बना है, कहां रहता है, परिवार में कौन-कौन है? उस दोस्त तक भी यह जानकारी पहुंचाएं कि आप उसके बारे में थोड़ा-बहुत जानते हैं।
-बच्चों के साथ दोस्ताना बने रहिए। उनमें हर छोटी-बड़ी बात शेयर करने की आदत डालें, इसके लिए आपको समय निकालना होगा।
-बच्चों को सेक्सटॉर्शन के बारे में जरूर जानकारी दें।
- उनके सोशल मीडिया अकाउंट में से मोबाइल नंबर, ईमेल आदि की जानकारी हटवा दें।
क्या ना करें
1. गुस्सा करना: गैजेट्स का इस्तेमाल कम या सीमित करने के लिए बच्चा नहीं मान रहा है तो गुस्सा न करें, डांट बिल्कुल न लगाएं। इससे बच्चा विद्रोह कर सकता है और फिर छुपकर वही काम करेगा।
2. बातचीत बंद करना: उसके साथ बातचीत के जरिए ही संवाद कायम रखें। इसमें समय लगेगा लेकिन वह आपकी बात माने लेगा।
3. मोबाइल छीनना: गुस्से में आकर उसका मोबाइल फोन न छीनें। इंटरनेट कनेक्शन न कटवाएं। इससे वह इंटरनेट का इस्तेमाल बाहर कर लेगा, जो ज्यादा खतरनाक है।
4. गलती को फैलाना: बच्चे की किसी गलती का पता लग गया है तो उसकी गलती का ढिंढोरा नहीं पीटें। इससे पहले से ही परेशान, ग्लानि में डूबे बच्चे का आत्मविश्वास टूट सकता है। वह डिप्रेशन में जा सकता है। कोई गलत कदम उठा सकता है। बच्चे की मदद करें। उसे यकीन दिलाएं कि हर समस्या, परेशानी में आप उसके साथ ही खड़े हैं। बच्चे की समस्या का हल ढूंढ़ने की कोशिश करें।
5. चुप बैठ जाना: बच्चा अगर सेक्सटॉर्शन का शिकार हो गया है तो चुप बिल्कुल न बैठें। स्कूल से नाम कटवाने के बजाय या कहीं दूर भेजने के बजाय प्रिंसिपल, संबंधित अधिकारियों से शिकायत करें। वह कॉलेज में है तो पुलिस, संबंधित एक्सपर्ट, एजेंसियों की फौरन मदद लें। याद रखें आप अगर चुप बैठ गए तो बदमाश का साहस और बढ़ेगा। आज उसने आपके बच्चे को शिकार बनाया है, कल किसी और को बनाएगा। इस बढ़ती हुई चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है।
सेक्सटॉर्शन से निपटने के लिए कानून
1. सबसे पहले आईटी ऐक्ट के तहत मामला दर्ज होता है।
2. क्योंकि यह क्राइम पैसा के लिए होता है, इसलिए आईपीसी की धारा 384 लागू होगी।
3. धारा 292 अश्लीलता से संबंधित है, जिसके तहत मामला दर्ज हो सकता है।
4. इसके अलावा धारा 67, 67ए, बी के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है।
5. शिकायतकर्ता अगर महिला है तो 'इंडिसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वुमन' ऐक्ट का भी पुलिस इस्तेमाल कर सकती है।
6. यदि आप पुलिस में नहीं जाना चाहते और क्रिमिनल केस नहीं चाहते तो सिविल केस दर्ज कर सकते हैं। इसमें नेट ऐडमिन तक को नोटिस भिजवाकर जानकारी मांगी जा सकती है।
बढ़ रहे हैं इंटरनेट मिसयूज के मामले
माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 77 प्रतिशत भारतीय किसी-न-किसी रूप में साइबर क्राइम मिसयूज के शिकार हुए हैं, इनमें साइबर बुलिंग, ट्रॉलिंग, ऑनलाइन सेक्स संबंधित मेसेज भेजना, तंग करना, सेक्सटॉर्शन जैसे अपराध शामिल हैं। इस स्टडी का मकसद लोगों को साइबर क्राइम के बढ़ते खतरों से जागरूक करने और उनसे सावधान रहने के लिए की गई थी।
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