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लेजर से खूबसूरती कितनी सेफ

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आपने भी सुना होगा कि खूबसूरती में अगर कोई कमी रह गई है तो अब उसे डॉक्टर पूरा कर देते हैं। अक्सर फिल्म स्टार्स की स्किन और लुक को देख कर मन तो करता है कि काश हम भी ऐसा ही कुछ ट्रिटमेंट ले पाते। इसी तरह का एक कॉमन ब्यूटी ट्रीटमेंट है लेजर थैरिपी। क्या है लेजर थैरिपी और यह कितनी कारगर है, एक्सपर्ट्स की मदद से बता रही हैं नेहा जैन :

क्या है लेजर?

लेजर ट्रीटमेंट में लाइट की तेज किरण ट्रीटमेंट किए जाने वाले हिस्से पर डाली जाती है। यह स्किन के ऊपर या अंदर वाली लेयर तक जाकर ट्रीटमेंट करती है। लेजर तकनीक से स्किन के अनचाहे हिस्से को बर्न कर दिया जाता है।

ट्रीटमेंट कितना परमानेंट?

लेजर ट्रीटमेंट्स के परमानेंट होने का दावा तो किया जाता है लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। कुछ ट्रीटमेंट्स परमानेंट हो सकते हैं, किन्तु यह बहुत ही कम हैं। लेजर ट्रीटमेंट लेने के बाद भी आपको इसकी सिटिंग्स लेनी पड़ती है।

लेजर हेयर रिमूवल

शरीर पर अनचाहे बालों को हटाने के लिए इस ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के लिए पल्स्ड एनडी याग लेजर, इंटेंस पल्स्ड डयोक्साइड अथवा एलेक्जेंड्राइट लेजर का प्रयोग किया जाता है। लेजर का चुनाव अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है। हेयर रिमूवल में लेजर के जरिए डॉक्टर बालों के फ़ॉलिकल्स को नष्ट कर देते हैं। लेजर हेयर रिमूवल में पिगमेंट नष्ट किया जाता है, इसीलिए जितनी गोरी स्किन और काले अथवा गहरे रंग के बाल होंगे उतना अच्छा होगा। किन्तु सांवले व गहरे रंग के त्वचा वालों पर इस लेजर के रिस्क ज्यादा होते हैं। लेजर हल्के रंग और सफेद बालों के लिए भी ठीक नहीं है।

सिटिंग्स : 3-4

क्या है रिस्क

लेजर हेयर रिमूवल के दौरान और बाद में खुजली जैसी समस्या आ सकती है। कभी-कभी लेजर वाला हिस्सा जल भी जाता है। हालांकि यह जल्दी ही ठीक हो जाता है। किसी-किसी को हाइपरपिगमेंट की समस्या आ सकती है क्योंकि लेजर पिगमेंट को बर्न करती है। इससे स्किन का कलर अलग-अलग हो सकता है। लेजर स्वैट ग्लैंड (पसीने वाली ग्रंथियों) को भी प्रभावित कर सकती है। चूंकि लेजर बालों के फ़ॉलिकल्स को नष्ट कर देती है इसलिए स्किन बहुत सेंसिटिव हो जाती है। यह फ़ॉलिकल्स धूप से स्किन को बचाते हैं। किन्तु इनके न होने से स्किन धूप में बर्न हो जाती है। लेजर हेयर रिमूवल के परमानेंट होने का दावा तो किया जाता है किन्तु यह पूरी तरह सही नहीं है। लेजर हेयर रिमूवल कराने के कुछ महीनों बाद बाल आने लगते हैं। हालांकि इनकी ग्रोथ काफी कम होती है। ऐसे में व्यक्ति को पूरा ट्रीटमेंट लेने के बाद प्रति साल एक सिटिंग लेनी पड़ती है।

कीमत : 5600-7000 रुपये

दूसरे ऑप्शन : शेविंग, वैक्सिंग

मार्क्स रिमूवल

मार्क्स रिमूवल में बर्थ मार्क्स, स्ट्रैच मार्क्स, पिगमेंटेशन व दूसरी तरह के दाग धब्बे रिमूव किए जाते हैं। झाईयां आदि भी लेजर के जरिए हटाई जा सकती हैं। इसमें क्यू स्विच्ड रूबी लेजर, एनडी याग लेजर, क्यू स्विच्ड एलेक्जेंडराइट लेजर द्वारा इलाज किया जाता है। इन लेजर के जरिए अलग-अलग तरह (चोट आदि) के निशानों के रंगों को पहचानकर उसके हिसाब से लेजर दी जाती है। स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए सीओ टू लेजर का प्रयोग किया जाता है।

सिटिंग्स : 5-12

रिस्क : चूंकि भारत में लोगों का रंग बहुत गोरा नहीं होता इसलिए उनमें हाइपर पिगमेंटेशन का रिस्क अधिक होता है। लेजर वाला हिस्सा बर्न हो सकता है। यदि यह प्रभावित हिस्से से अलग हिस्से पर हो जाती है तो इससे काफी नुकसान हो सकता है। यदि आपके चेहरे पर बहुत सारे मुंहासे हैं तो इस लेजर का इस्तेमाल ठीक नहीं है। कभी-कभी लेजर असरदार नहीं होता। लेजर के दौरान खून भी आ सकता है। हालांकि यह जल्दी ठीक भी हो जाता है। इसमें भी पूरे ट्रीटमेंट के बाद साल में एक सिटिंग लेनी पड़ सकती है।

कीमत : 2000-3000 रुपये प्रति सिटिंग

दूसरे ऑप्शन : फेशियल, वेज पील, थर्मोहर्ब

लेजर फेशियल

लेजर फेशियल में इंटेंस पल्स्ड लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें स्किन के ऊपर की लेयर लेजर के जरिए बर्न कर दी जाती है, जिससे नई लेयर दिखे। ये नई लेयर ग्लो करती है।

रिस्क

इस तकनीक में अनुभवी डॉक्टर का होना बहुत जरूरी है, ताकि पूरे फेस पर लेजर बराबर हो। यदि किसी भी जगह हाथ रुका रह गया तो वो हिस्सा बर्न हो जाएगा। यह परमानेंट नहीं होता। इस फेशियल को भी लगभग 2 महीने में एक बार कराना पड़ता है।

कीमत : 2-3 हजार रुपये प्रति सिटिंग

ऑप्शन : सलून में इसका ऑप्शन फेशियल है, जो अलग-अलग स्किन के लिए अलग-अलग होते हैं। इसमें भी स्क्रब के जरिए ऊपर की लेयर हटा दी जाती है। जिससे नई लेयर आ जाती है। इसकी सिटिंग लगभग एक महीने में आपको लेनी होती है।

फैट रिमूवल

आजकल मोटापे से बहुत लोग परेशान हैं और इसके लिए लेजर का विकल्प आम हो चला है। मोटापा घटाने के लिए लेजर लाइपोसक्शन और आई लिपो किया जाता है। इसमें लेजर की हीट से चर्बी बर्न कर दी जाती है और शरीर का वह हिस्सा पतला लगने लगता है।

रिस्क

इसके जरिए शरीर में से फैट तो कम होता है लेकिन वजन कम नहीं होता। लेजर लाइपोसक्शन कराने के बाद भी आपको अपनी डाइट पर कंट्रोल करना होता है और फिटनेस बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करनी पड़ती है। लेजर के बाद सूजन, दर्द और अकड़न रह सकती है। हालांकि यह जल्द ही ठीक हो जाती है। सर्जरी के बाद स्किन ढीली लगती है। लेजर से बॉडी की शेप भी बिगड़ सकती है, क्योंकि यदि आप किसी हिस्से पर लेजर कराते हैं, किन्तु दूसरे पर नहीं तो पूरी बॉडी का स्ट्रक्चर खराब दिखता है। यदि आप सर्जरी के बाद अपने खाने-पीने पर कंट्रोल नहीं करते और एक्सरसाइज नहीं करते तो जल्द ही उतना ही फैट वापस गेन कर लेते हैं। शरीर के एक ही हिस्से पर आपको दोबारा लेजर लिपोसक्शन के लिए 6-12 महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है।

कीमत : यह कितने हिस्से पर करानी है और कितना फैट बर्न करना है, इस पर निर्भर करता है कि आपको कितना खर्च करना होगा। टमी पर से 10 सेंटीमीटर तक फैट बर्न करने के लिए आपको लगभग 2000 रुपये देने पड़ सकते हैं।

अन्य विकल्प - योगा, जिम, डांस, पैदल चलना इत्यादि। यदि आप इन विकल्पों की ओर जाते हैं तो इसके कोई भी रिस्क नहीं है और इसमें आपके फैट के साथ-साथ आपका वजन भी कम होता है। यह एक नेचरल प्रॉसेस है और इससे पूरी बॉडी शेप में आती है। इन सबसे आप कई बीमारियों जैसे बीपी, शुगर आदि पर भी कंट्रोल रख सकते हैं और कई बीमारियां होने से बच सकते हैं। यह आपके शरीर को भी चुस्त बनाते हैं व इसका आपके चेहरे पर भी ग्लो आता है।

बोटोक्स

बोटोक्स प्रक्रिया झुर्रियों को ठीक करने के लिए होती है। इसमें लेजर तो नहीं करते किंतु इंजेक्शन के माध्यम से चेहरे की मांसपेशियों को पैरालाइस कर देते हैं। हालांकि इसकी डोज बहुत कम देते हैं जिसका कोई खासा नुकसान नहीं होता किन्तु इससे चेहरे के विभिन्न हाव भाव पर प्रभाव पड़ता है और चेहरा अर्टिफिशल प्रतीत होता है। आपके इमोशंस ठीक से पता नहीं चलते।

सिटिंग : 1

साइड इफेक्ट

कुछ समय के लिए निशान बोटोक्स के बाद कुछ लोगों को सिर दर्द होता है जो 24 से 48 घंटों में ठीक हो जाता है। बहुत कम मामलों में देखा गया है कि पलकें कुछ झुक जाती हैं। यह तीन सप्ताह में ठीक हो जाती है। बोटोक्स पर्मानेंट नहीं है। इसकी सिटिंग 3-4 महीने में लेनी पड़ती है। मांसपेशियों के काम न करने की स्थिति में चेहरे पर इमोशंस कम दिखाई देते हैं।

कीमत : 5000-10000 रुपये

अन्य विकल्प - एन्टी एजिंग फेशियल, थर्माहर्ब

फिलर

बढ़ती उम्र के साथ चेहरे पर जो लाइनें व गड्ढे पड़ जाते हैं उसे फिलर से ठीक किया जाता है। इसमें भी लेजर नहीं दिया जाता बल्कि इंजेक्शन के माध्यम से खाली हिस्से को 'कॉलिजन'से भर देते है।

रिस्क

फिलर को बड़ी सावधानी से करना पड़ता है। यदि यह थोड़ा सा भी गलत हुआ तो गंभीर क्षति पहुंचा सकता है। आंखों के नीचे फिलर आंखों पर प्रभाव डाल सकता है। कुछ मामलों में लोगों को धुंधला दिखाई देने लगा है। ऐसे कई मामले पीड़ितों ने इंटरनेट पर भी शेयर किए हैं। फिलर कराने के बाद सूजन भी आ सकती है। हालांकि यह कुछ ही समय में ठीक हो जाती है। फिलर यदि ऊपर नीचे हो जाए तो स्किन ऊबड़ खाबड़ दिखने लगती है। किसी किसी को हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या भी आ जाती है।

कीमत : 5000-7000 रूपये प्रति इंजेक्शन

लेजर से पहले फॉर्म

सभी कॉस्मेटिक लेजर क्लिनिक में सर्जरी से पहले आपसे फॉर्म भरवाया जाता है जिसमें लिखा होता है। कि डॉक्टर ने आपको लेज़र के बारे में सभी कुछ बता दिया है और लेजर के परिणाम आपको पूरे, आंशिक या बिल्कुल नहीं मिल सकते हैं। आप इस फॉर्म पर साइन करते हैं, इस प्रकार डॉक्टर अपनी हर प्रकार की जवाबदेही से बच जाते हैं।

लेजर क्यों न कराए?

लेजर से शरीर में कुछ न कुछ परिवर्तन किया जाता है और इसी कारण से आपको रिजल्ट दिखाई देते हैं। किन्तु अन्दरूनी तौर पर यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है और कई मामलों में तो गंभीर क्षति भी देखी गई है। एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि लेजर से कुछ भी पर्मानेंट नहीं होता है और बार बार सिटिंग्स लेनी पड़ती है। ऐसे में अन्य विकल्प अधिक लाभकारी हैं जो न तो शरीर में कोई नुकसान पहुंचाते हैं और कीमत भी इनकी कम होती है। गलत परिणाम मिलने पर कर सकते हैं शिकायत यदि आप अपने लेजर से असंतुष्ट हैं या आपको परिणाम नहीं मिले हैं तो आप इसकी शिकायत मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया, दिल्ली मेडिकल काउंसिल अथवा उपभोक्ता अदालतों में भी कर सकते हैं।

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