एक्सपर्ट्स पैनल डॉ. अनिल बंसल सीनियर फिजीशियन, पूर्व सीएमओ, एनडीएमसी डॉ. वरुण वर्मा नेफ्रॉलजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल डॉ. शिखा शर्मा न्यूट्री-डाइट एक्सपर्ट अंजलि भोला डाइटिशन, एम्स पिछले हफ्ते खत्म हुए फिटनेस कैंपेन 'फैट टु फिट' के दौरान हमें कई रीडर्स के ऐसे मेल भी मिले जो दुबलेपन से परेशान हैं। एक्सपर्ट्स की मदद से लोकेश के. भारती बात रहे हैं दुबले से फिट हो जाने के हेल्दी तरीके : 12 वीं पास होने के बाद से ही रोहित पुलिस में भर्ती होने के सपने देखने लगा था। बस उसकी परेशानी था उसका दुबला शरीर। कॉलेज में कोई उसे पतला पापड़ बुलाता था तो कोई लटके राम। पुलिस में भर्ती होने की धुन में फिट होने का जुनून रोहित के सिर पर सवार हो गया। उसने ताबड़तोड़ प्रोटीन सप्लिमेंट और वजन बढ़ाने की दवाएं लेने लगा और कई घंटे जिम में बिताने शुरू कर दिए। नतीजा, रोहित फिट तो नहीं हुआ हॉस्पिटल जरूर पहुंच गया। डॉक्टर ने उसे फौरन प्रोटीन और दूसरे सप्लिमेंट्स लेने को मना कर दिया। किडनी व हार्ट की जांच कराने से पता चला कि किडनी मात्र 40 फीसदी ही काम कर रही है। सही इलाज के बाद अब रोहित नॉर्मल होता जा रहा है। दरअसल, ये किस्सा हमें डॉक्टर ने ही सुनाया। कई बार दुबले से फिट होने का दीवानापन हालात और खराब कर सकता है। इसलिए डॉक्टर से पूछे बिना सप्लिमेंट न लें। दुबलेपन का जवाब है! सवाल : क्या मैं अंडरवेट हूं? इस सवाल का जवाब खुद ढूंढने के लिए बीएमआई एक बेहतर विकल्प हो सकता है। बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स), हाइट-वेट रेशो जैसी चीजें हैं, पर सीधे तौर पर किसी को भी पूरी तरह स्वीकार नहीं कर सकते। कोई अंडरवेट होते हुए भी हेल्दी हो सकता है। कोई सही वजन और बीएमआई वाला शख्स भी बीमार हो सकता है। कई बार आपका वेट आपके पेरंट्स के जीन्स पर निर्भर करता है। किसी की बोन डेंसिटी कम होती है ऐसे में वह लाइट वेट हो सकता है। ऐसी तमाम चीजें हैं जो आपके बॉडी वेट को निर्धारित करती हैं। सवाल : डॉक्टर किसे कहते हैं अंडरवेट? डॉक्टर के अनुसार हम किसी के अंडरवेट होने का निर्णय अक्सर दो बातों को देखकर करते हैं। पहला कि इंसान एक्टिव है या नहीं। अगर वह एक्टिव है, अपने सभी काम सही ढंग से कर रहा है। भले ही उसका वेट बीमएआई के अनुसार नॉर्मल से कम ही क्यों न हो, तो परेशानी की कोई बात नहीं। हम उसे अंडरवेट इन हेल्दी कंडीशन मतलब सही हालात में अंडरवेट कह सकते हैं। दूसरा है कहीं उसे कोई बीमारी तो नहीं है। किसी के अंडरवेट होने में कुछ बीमारियां भी कारण बन सकती हैं। मसलन, एनीमिया (खून की कमी जो विटामिन्स, आयरन या पेट में कीड़े की वजह से भी हो सकती है), टीबी, हॉर्मोनल डिसऑर्डर की जांच करते हैं। अगर ऐसा है तो पहले इनका इलाज जरूरी है। सवाल : क्यों होता है कोई अंडरवेट? अमूमन इन वजहों से इंसान दुबला हो सकता है। 1. न्यूट्रिशन कम लेना या बैलेंस्ड डाइट न लेना। 2. बढ़ती उम्र () में खानपान पर ध्यान नहीं दिया गया है। 3. फिजिकल वर्क के हिसाब से डाइट या कैलरी नहीं ले रहे। 4. आपके परिवार में सभी दुबले-पतले हैं। 5. किसी खास तरह की बीमारी से ग्रसित या हॉरमोनल डिसऑर्डर होना। 6. ज्यादातर मामलों में खून की कमी (एनीमिया), टीबी या पेट में कीड़े होने की वजह से वजन कम हो सकता है। पेट में कीड़े होने पर कुछ लक्षण हैं जो उभर कर सामने आते हैं इनमें एनीमिया, पेट में दर्द, लूज मोशन, वोमिटिंग आदि अहम हैं। सवाल : वजन को लेकर कब करें चिंता डॉक्टर्स का कहना है कि कोई लड़का जिसका उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है, तो उसका वजन कम से कम 50 किलो से ज्यादा होना चाहिए। वहीं लड़कियों के लिए यह सीमा 45 किलो है। अगर वह इससे कम है तो यह चिंता की बात हो सकती है। ऐसे में सबसे पहले डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। ताकि डॉक्टर पहले जांच कर उसके कम वेट होने के कारणों का पता लगा सके। सवाल : हर अंडरवेट इंसान को परेशानी हो सकती है? जरूरी नहीं कि जो अंडरवेट हैं वो हेल्दी न हो। अगर कमजोरी महसूस नहीं होती वजन लगातार कम नहीं हो रहा। तेजी से चलने पर सांस नहीं फूलती, आपका बीपी, पल्स रेट सब नॉर्मल है तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अगर आप अंडरवेट हैं और ये परेशानियां भी आपके साथ है तो डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। सवाल : वजन बढ़ाने में जिम कितना मददगार? अगर बॉडी बनाना है तो जा सकते हैं। वैसे जरूरी नहीं है जिम जाएं। आप रोज घर पर वर्कआउट या योगाभ्यास करके भी हेल्दी हो सकते हैं। धर के आसपास के में भी जा सकते हैं। जिम जाने से एक फायदा जरूर होता है। आपका रुटीन फिक्स हो जाता है। साथ ही एक्सरसाइज का सही तरीका बताने के लिए जिम इंस्ट्रक्टर की मदद भी मिल जाती है। सवाल : प्रोटीन सप्लीमेंट्स हैं जरूरी? आज हर युवा बॉडी बनाने की चाहत रखता है। बस दिक्कत है शॉर्टकट या कम वक्त में ही हैंडसम और स्मार्ट दिखने की चाहत में किसी भी हद तक जाना। ऐसे में जिम जॉइन करने के साथ ही प्रोटीन सप्लिमेंट्स और स्टिरॉयड लेना शुरू कर देते हैं। जबकि यह शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डी कमजोर होने की समस्या हो सकती है। ऐसे किसी भी कदम से पहले आप डाइटिशन या डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर कुछ एक्स्ट्रा खाना हो तो नेचरल प्रोटीन लें। अगर सप्लिमेंट लेना हो तो डॉक्टर या डाइटिशन की सलाह पर ब्रैंडेड कंपनियों के ले सकते हैं। सवाल : टीवी विज्ञापनों पर कितना करें यकीन? कभी भी टीवी विज्ञापनों को देखकर प्रॉडक्ट को नहीं खरीदें। नियमों के हिसाब से ऐसे विज्ञापन दिखाए ही नहीं जाने चाहिए, जिनमें किसी को दुबला या हेल्दी बनाने का 100 फीसदी दावा किया गया हो। टीवी पर दिखाए नुस्खों के दम पर ही अगर कोई फिट हो सकता तो जिम और डाइटिशन की जरूरत ही न होती। सवाल : नेचरल प्रोटीन है बेहतर विकल्प? आर्टिफिशल प्रोटीन की तुलना में नेचरल प्रोटीन हमेशा ही ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर किसी को अपना वजन बढ़ाना है तो वह खाने में इन चीजों पर खास फोकस करे। मसलन, दाल, सोयाबीन, अंडा, मछली, पनीर, आदि ले सकते हैं। वहीं कार्बोहाइड्रेट के रूप में चावल, रोटी सबसे बेहतरीन विकल्प हैं। सवाल : क्या जरूरी है बैलेंस्ड डाइट? आपकी फिजिकल एक्टिविटी और जरूरत पर ही डाइट निर्भर करती है। अगर वजन बढ़ाना है तो 2000 से 2400 कैलरी रोज तक ले सकते हैं। पर ध्यान रहे आप जो भी डाइट प्लान करें, वह किसी अच्छे डाइटिशन के मदद से ही करें। दरअसल, हम अपने खाने को 7 फूड ग्रुप्स में बांट सकते हैं। जिन्हें हर दिन खाए जाने की जरूरत है। पूरे दिन (24 घंटा) में कितनी कैलरी लेनी है इसे नीचे बताया गया है : आइटम्स अमाउंट कैलरी 1. दूध (फूल क्रीम) 750 एमएल 250 कैलरी 2. मीट, मछली, चिकन या अंडा या 35 से 40 ग्राम या 2 अंडा 140 कैलरी पनीर 35 से 40 ग्राम 100 कैलरी 3. रोटी या चावल 10 रोटी (250 ग्राम आटा या 220 ग्राम चावल) 850 कैलरी 4. दाल (अरहर, चना, मूंग, मसूर) दो कटोरी 172 कैलरी 5. फल (सेब, संतरा) 2 80 कैलरी 6. फैट (तेल, घी) 5 से 6 टी स्पून (25 से 30 ग्राम) 250 कैलरी 7. शुगर 5 से 6 छोटा चम्मच 120 कैलरी इतना सब खाने के बाद आपके शरीर में तकरीबन 2000 कैलरी आसानी से पहुंच जाएगी। जो हेल्दी तरीके से वजन बढ़ाने में कारगर साबित होगी। नोट : अगर आपको दूध पीना पसंद नहीं है तो आप उतनी मात्रा में दही खा सकते हैं। जबकि नॉनवेज की जगह पनीर ले सकते हैं। पांच रंगों का कमाल आपके खाने में पांच रंगों की मौजूदगी जरूर होनी चाहिए। इससे आपकी डाइट बैलेंस्ड होती है और आपको सभी सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स भी मिलते हैं। रंग काम खाने के विकल्प पीला और नारंगी इनमें बीटा कैरोटीन, विटामिन ए और सी, एंटीऑक्सिडेंट्स मिलते हैं, नीबू, गाजर, लौकी, मक्का, पीला सेब, आदि ये आपके शरीर में कोशिकाओं के निर्माण में, कैटरैक्ट को दूर करने, हार्ट डीजीज को रोकने में मदद करते हैं ग्रीन इनमें फाइटोकेमिकल्स और फाइबर्स होते हैं, ये आपकी लीवर को बेहतर पालक, खीरा, हरी सब्जी, आदि काम करने, महिलाओं को ओवेरियन कैंसर से बचने में और मांसपेशियों को डिजनरेट होने से बचाने में काम आता है। नीला और जामुनी यूरिनरी ट्रैक्ट के बेहतर काम के लिए और याद्दाश्त को मजबूत बनाने के लिए उपयोगी है। जामुन, जामुनी बंध गोभी, पर्पल ग्रेप्स आदि। लाल दिल की बीमारी और कैंसर से बचाव में उपयोगी है। लाल मूली, लाल मिर्च, प्याज, अनार, लाल सेब आदि। सफेद ये बैक्टीरिया से लड़ने और ब्लड शुगर को भी मेंटेन करने में मदद करता है। फूलगोभी, सफेद प्याज, अदरक, आदि। व मिथ मंथन : एक्सरसाइज करने से तो वजन और कम हो जाएगा। एक्सरसाइज जरूर करें। इससे गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो आपके हॉर्ट और ब्रेन अटैक को कम करता है। दरअसल, एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में फैट का डिस्ट्रीब्यूशन सही रहता है। इससे आर्टरीज में कॉलेस्ट्रॉल कम जमा होता है। वहीं अगर आप एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती जाएगी। इससे हाई बीपी जैसी दिल से जुड़ी परेशानियां खड़ी हो सकती हैं। केवल फैट ही खाना, बाकी को भूल जाना ऐसा सोचना बिल्कुल ही गलत है। केवल फैट खाने से आपका वजन भले ही बढ़ जाए लेकिन दूसरे न्यूट्रिएंट्स और विटामिन्स की कमी हो सकती है। इसलिए इस बात को कतई न भूलें कि आपके लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ विटामिन्स भी काफी जरूरी है। फैट के साथ बाकी चीजों का साथ ही आपको हेल्दी बनाए रह सकता है। वेट बढ़ाना है तो जब मन हो तब खाओ ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। आप कभी भी वजन बढ़ाने की प्लानिंग बेतरतीब तरीके से नहीं कर सकते। खाने और सोने का वक्त जरूर निश्चित करें। आप जब भी बैलेंस्ड डाइट की बात करते हैं तो इसका सीधा मतलब है कि समय पर सही खुराक लेना। अगर आप टाइम को फॉलो नहीं करेंगे तो परेशानी आएगी। एक बात जरूर याद रखें कि आपको चाहे वजन बढ़ाना हो या वजन कम करना हो तरीका एक ही है। टाइम पर खाना और रुटीन को फॉलो करना। हां वजनदार बनने के लिए बस थोड़ी कैलरी की मात्रा बढ़ानी होगी।
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