मां हम सभी का इस कदर ख्याल रखती हैं कि किसी दूसरे की दरकार ही नहीं होती। पर मां की जिंदगी में एक ऐसा पड़ाव भी आता है जब मां को हमारी जरूरत होती है। जब मां बुजुर्ग की श्रेणी में आ जाती हैं तो उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से संपन्न बनाना जरूरी हो जाता है।मां हम सभी का इस कदर ख्याल रखती हैं कि किसी दूसरे की दरकार ही नहीं होती। पर मां की जिंदगी में एक ऐसा पड़ाव भी आता है जब मां को हमारी जरूरत होती है। जब मां बुजुर्ग की श्रेणी में आ जाती हैं तो उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से संपन्न बनाना जरूरी हो जाता है।
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