हम खास हैं क्योंकि हम इंसान हैं। कुदरत ने हमें क्षमताओं का अपार भंडार दिया है। इंसानी क्षमताओं की उड़ान सिर्फ हाथ-पैरों या शारीरिक सीमाओं से जुड़ी नहीं हैं। उसे चाहिए बस जज्बे की ताकत। यही वजह है कि खास योग्यताओं के धनी लोगों के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं, जिनका फायदा उठा कर हौसलों को परवाज दी जा सकती है। जानकारी दे रहे हैं अमित मिश्रा:
राकेश पोलियो को तकलीफ थी, लेकिन कभी यह उनके हौसलों के आड़े नहीं आई। अच्छे कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद बेहतरीन नौकरी मिलने के बाद सबकुछ नॉर्मल था, बस दिक्कत थी तो घर से दूर ऑफिस आने-जाने की। किसी दोस्त ने उन्हें डिफरेंटली एबल्ड लोगों के लिए कार पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में बताया। फिर क्या था, राकेश ने फॉरमैलिटी पूरी की और लग गए उनके कदमों में पंख। अब चाहे ऑफिस हो या घर वालों के साथ आउटिंग, राकेश हैं हर जगह मिस्टर परफेक्ट।
हर कदम पर सुविधा:
सरकार (केंद्र और राज्य) डिफरेंटली एबल्ड लोगों के लिए खास योजनाएं चलाती है। बस जरूरत है उनके बारे में पूरी जानकारी लेकर फायदा उठाने की। मदद के लिहाज से सरकार इन क्षेत्रों में सुविधाएं देती हैं:
- सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन
- सरकारी नौकरियों में आयु सीमा में छूट
- किराए में छूट (बस, ट्रेन आदि में)
- बिजनेस शुरू करने में मदद (लोन और खास ट्रेनिंग प्रोग्राम)
- सुविधाएं जुटाने की सहूलियत (प्रोस्थेटिक बॉडी पार्ट, ट्राई साइकल, कार आदि)
- डिफरेंटली एबल्ड के लिए पेंशन
नौकरी में रिजर्वेशन
- सभी सरकारी नौकरियों (केंद्र और राज्य सरकार)में डिफरेंटली एबल्ड लोगों के लिए 3 फीसदी रिजर्वेशन की व्यवस्था दी गई।
- इस रिजर्वेशन को पाने के लिए जरूरी है कि कैंडिडेट को 40 फीसदी या उससे ज्यादा डिफरेंटली एबल्ड की कैटिगिरी का होना चाहिए।
कैसे बनवाएं सर्टिफिकेट
कौन बनवा सकता है : सर्टिफिकेट सिर्फ कम से कम 40 फीसदी शारीरिक से अक्षम (हड्डी संबंधी), 35 फीसदी मानसिक रुप से अक्षम, 90 फीसदी अंधेपन और बहरेपन के शिकार और पूरी तरह से मूक इंसान ही बनवा सकता है।
कौन बनाता है : इसे लोकल एसडीएम ऑफिस से सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बनवाया जा सकता है।
यहां बनेगा मेडिकल सर्टिफिकेट
- एम्स, एलएनजेपी हॉस्पिटल, हिंदुराव हॉस्पिटल, सफदरजंग हॉस्पिटल, गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल, राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल या इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंस आदि से बनवाया गया मेडिकल सर्टिफिकेट।
- गजटेड ऑफिसर से अटेस्ट करवाई हुई दो पासपोर्ट साइज फोटो। हैंडिकैप कार्ड एप्लिकेंट को तभी सौंपा जाएगा, जब वह कार्ड रिसीव करने के लिए खुद मौजूद होगा और कार्ड पर दस्तखत करेगा।
फीस: पहली बार फ्री, उसके बाद बनवाने पर हर बार 10 रुपये।
कितना वक्त लगेगा: तकरीबन 21 दिनों में बन जाता है।
जरूरी डॉक्युमेंट्स
- पूरा भरा हुआ एप्लिकेशन फॉर्म
- ऐसा कोई भी डॉक्युमेंट जिससे साबित हो सके कि दिल्ली में पिछले 3 साल या उससे ज्यादा वक्त से रह रहे हैं। मिसाल के तौर पर पासपोर्ट, निवास प्रमाण पत्र, टेलिफोन का बिल आदि।
- मेडिकल सर्टिफिकेट जिससे पता चलता हो कि स्पेशल एबिलिटी सर्टिफिकेट बनने की सीमा में आते हैं या नहीं।
सरकारी नौकरियों में उम्र की छूट
- डिफरेंटली एबल्ड लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 साल की छूट मिलती है।
- यह छूट अधिकतम आयुसीमा में मिलती है। मिसाल के तौर पर अगर किसी पोस्ट के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 साल की है तो डिफरेंटली एबल्ड कैंडिडेट 45 साल तक की उम्र तक एग्जाम दे सकता है।
- अगर कैंडिडेट डिफरेंटली एबल्ड के साथ ओबीसी है तो अधिकतम आयुसीमा में 13 साल और एससी/एसटी कैंडिडेट हैं तो 15 साल की छूट मिलती है।
- उम्र में छूट 3 तरह के कैंडिडेट्स को मिलती है: 1. अंधेपन के शिकार या कम देख पाने वाले, 2. बहरेपन के शिकार या सुनने की परेशानी वाले, 3. सेरेब्रल पाल्सी या हाथ-पैरों की अक्षमता के शिकार हों।
- छूट सिर्फ कम से कम 40 फीसदी शारीरिक से अक्षम (हड्डी संबंधी), 35 फीसदी मानसिक रुप से अक्षम, 90 फीसदी अंधेपन और बहरेपन के शिकार और पूरी तरह से मूक इंसान को ही मिलती है।
- इस तरह की छूट पाने के लिए डिफरेंटली एबल्ड कैंडिडेट को फॉर्म भरते वक्त अपने एज सर्टिफिकेट के साथ स्पेशल एबिल्टी सर्टिफिकेट भी अटैच करना होगा।
सफर में छूट
डिफरेंटली एबल्ड लोगों के सफर को आसान बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें छूट देती हैं।
रेल में छूट
हड्डियों से जुड़ी, अंधेपन और मानसिक कमजोरी के शिकार लोगों को हर क्लास में सफर करने पर अलग-अलग तरह की छूट मिलती है। वे अगर अपने साथ कोई सहायक लेकर जाते हैं तो छूट उन्हें भी।
- सेकंड क्लास, स्लीपर, फर्स्ट क्लास, 3एसी और एसी चेयर कार के किराए में 75 फीसदी छूट
- एसी फर्स्ट क्लास और एसी सेकंड क्लास में 50 फीसदी
- राजधानी और शताब्दी के 3एसी और एसी चेयर कार में 25 फीसदी छूट
- एमएसटी और क्वॉर्टरली सीजनल टिकट पर 50 फीसदी छूट
गूंगे और बहरेपन की परेशानी होने पर
- सेकंड क्लास स्लीपर और फर्स्ट क्लास में 50 फीसदी
- एमएसटी और क्यूएसटी (हर महीने या तीन महीने के टिकट पर) पर 50 फीसदी
- सहायक को भी इतनी ही छूट मिलेगी।
क्या चाहिए छूट के लिए:
- टिकट विंडो से बुकिंग कराते वक्त डिफरेंटली एबल्ड का सर्टिफिकेट दिखाने पर छूट ली जा सकती है। इस सर्टिफिकेट की ओरिजनल कॉपी सफर के दौरान भी रखनी होती है क्योंकि टिकट की जांच के वक्त टीटीई इसकी मांग कर सकता है।
- अगर ऑनलाइन बुकिंग कराना चाहते हैं तो इसके लिए संबंधित डीआरएम ऑफिस जाकर फॉर्म भरना पड़ता है और रेलवे इसके लिए कार्ड इशू करता है। इस कार्ड पर एक नंबर होता है, जिसे ई-रिजर्वेशन के वक्त मेंशन करना होता है।
बस में छूट
- दिल्ली सरकार की किसी भी बस में डिफरेंटली एबल्ड लोगों को फ्री सफर की इजाजत है। अपने सर्टिफिकेट के साथ वे किसी भी डिपो में जाकर पास बनवाया जा सकता है।
- अलग-अलग राज्य सरकारें राज्य सरकार की बसों में अलग-अलग छूट देती हैं।
कुछ अपना करें
केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट कई योजनाएं चलाती हैं, जिसके तहत डिफरेंटली एबल्ड लोगों को बिजनेस सेट करने में मदद दी जा सके। इसमें रोजगार के लिए लोन से लेकर ऑटो रिक्शा खरीदने तक के लिए लोन की योजनाएं हैं।
कौन-कौन सी हैं योजनाएं
सर्विस और ट्रेडिंग सेक्टर के लिए लोन: इन क्षेत्रों में बिजनेस करने के लिए मिनिस्ट्री 3 लाख से 5 लाख रुपये तक लोन देती है।
कमर्शल वाहन के लिए लोन: ऑटो रिक्शा या कमर्शल वाहनों के लिए 10 लाख रुपये तक के लोन का प्रावधान है।
छोटे बिजनेस के लिए लोन: डिफरेंटली एबल्ड लोग मैन्युफैक्चरिंग, फैब्रिकेशन और प्रॉडक्शन के लिए 25 लाख रुपये तक लोन ले सकते हैं।
खेती के लिए लोन: एग्रिकल्चर सेक्टर में काम करने वाले डिफरेंटली एबल्ड लोगों को मशीनरी या मार्केटिंग के लिए 10 लाख रुपये तक लोन मिल सकता है।
लोन की शर्तें
- लोन लेने वाले को भारत का नागरिक होना चाहिए और शारीरिक अक्षमता 40 फीसदी तक होनी चाहिए।
- उम्र 18-60 साल के बीच होनी चाहिए।
- सालाना आमदनी 5 लाख (शहरी इलाकों के लिए) और 3 लाख (ग्रामीण इलाकों के लिए) या उससे कम होनी चाहिए।
- जिस एरिया में लोन लेना चाहते हैं, उसका अनुभव और जरूरी योग्यता होनी चाहिए। मिसाल के तौर पर अगर आपको किसी सॉप्टवेयर कंपनी के लिए लोन चाहिए तो कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई या इंजीनियरिंग का बैकग्राउंड होना चाहिए।
लोन के रेट
- 50,000 रुपये तक 5 फीसदी
- 50 हजार से ऊपर और 5 लाख से कम पर 6 फीसदी
- 5 लाख से ऊपर 8 फीसदी
- लोन को 10 सालों में वापस करना होगा।
- अगर किसी डिफरेंटली एबल्ड महिला ने लोन लिया है तो उसे इंटरेस्ट में 1 फीसदी की स्पेशल छूट दी जाएगी।
कैसे करें अप्लाई
- जरूरी डॉक्युमेंट्स (मेडिकल सर्टिफिकेट, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या राशनकार्ड की कॉपी, एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन सर्टिफिकेट आदि) के साथ नीचे दिए हुए पते पर संपर्क करें।
फाइनैंशल एंड डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, आंबेडकर भवन, इंडस्ट्रियल एरिया, सेक्टर 16 रोहिणी, नई दिल्ली 110085
फोन : 011- 27570627, 27570502, फैक्स: 27572630
रफ्तार में आएगी जिंदगी
केंद्र और राज्य सरकार डिफरेंटली एबल्ड लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने लिए ट्राईसाइकल से लेकर मोटराइज्ड साइकल पर सब्सिडी देती हैं।
केंद्र सरकार की योजना
- केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट डिफरेंटली एबल्ड लोगों के लिए ट्राईसाइकल और मोटराइज्ड साइकल पर 10 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है।
- मोटराइज्ड साइकल की कीमत तकरीबन 35 हजार रुपये है। इस लिहाज से 10 हजार रुपये अप्लाई करने वाले को अपने पास से लगाने होते हैं।
- लोकल एमपी और एमएलए भी अपने फंड से मदद कर सकते हैं। उनके रेक्मेंडेशन लेटर के जरिए सब्सिडी के ऊपर की धनराशि उनके फंड से पूरी कर ली जाती है और जरूरतमंद को मुफ्त में ट्राईसाइकल मिल सकती है।
- एमपी या एमएलए से सीधे मिल कर इस तरह की रिक्वेस्ट की जा सकती है। वह एक एप्लिकेशन के जरिए मुश्किलें आसान कर सकते हैं।
शर्तें
- इस तरह की मदद के लिए भी 40 फीसदी या उससे ज्यादा शारीरिक अक्षम होना जरूरी है।
- मदद पाने वाला भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उसकी आमदनी 15 हजार रुपये महीने या उससे कम होनी चाहिए।
- सब्सिडी पाने वाले ने पिछले तीन साल में मिनिस्ट्री की ऐसी किसी योजना का लाभ न उठाया हो।
कैसे करें अप्लाई
- एक सादे कागज पर मिनिस्टर या जॉइंट सिक्रेटरी, मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट को एप्लिकेशन लिखें।
- साथ में पात्रता के डॉक्युमेंट्स जैसे मेडिकल सर्टिफिकेट और इस बात का एफिडेविट लगाएं कि पिछले 3 साल में आपने मिनिस्ट्री से इस तरह की किसी योजना का फायदा नहीं लिया है।
पेंशन से दूर होगी टेंशन
दिल्ली का सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट केंद्र सरकार के साथ मिल कर डिफरेंटली एबल्ड लोगों के लिए पेंशन प्रोग्राम चलाता है। इसके तहत हर महीने 1500 रुपये पेंशन के तौर पर दिए जाते हैं।
किसे मिलेगी पेंशन
- डिफरेंटली एबल शख्स की उम्र 60 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- परिवार की आमदनी 75 हजार रुपये सालाना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- दिल्ली या एनसीआर में कम-से-कम 5 साल से रह रहा हो।
- शारीरिक अक्षमता 40 फीसदी या ज्यादा होनी चाहिए।
- मेडिकल सर्टिफिकेट सरकारी हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड से बनवाया गया हो।
- बैंक या पोस्ट ऑफिस में अकाउंट हो जिससे इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के जरिए पेमेंट हो सके। अगर अप्लाई करने वाला माइनर या मेंटली चैलेंज है तो लीगल गार्जियन को यह राइट मिल सकता है।
कौन से डॉक्युमेंट्स जरूरी
- रेजिडेंस प्रूफ: प्रूफ के तौर पर राशनकार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसें, एमसीडी का बर्थ सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस पॉलिसी, बिजली, पानी या टेलिफोन का बिल, गैस कनेक्शन, बैंक पासबुक, स्टूडेंट आईकार्ड, प्राइवेट फर्म में काम करने का सर्विस आईडी कार्ड, प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट या ऐसा ही कोई एक डॉक्युमेंट्स जिससे यह साबित हो सके कि अप्लाई करने वाला दिल्ली एनसीआर में पिछले 5 साल सा उससे ज्यादा वक्त से रह रहा है।
अगर इनमें से कोई प्रूफ मौजूद नहीं है तो नीचे दी गई लिस्ट में से दो डॉक्युमेंट्स पेश किए जा सकते हैं जिनसे यह पता चले कि अप्लाई करने वाला 5 साल या उससे पहले से दिल्ली में रह रहा है:
ये करेंगे तस्दीक
- इलाके का एमपी या एमएलए की लिखी चिट्ठी
- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेट्री या प्रेजिडेंट का लेटर
- 2 पड़ोसियों की गवाही उनके कॉन्टैक्ट डिटेल्स के साथ
- दिल्ली या सेंट्रल गवर्नमेंट के मेडिकल बोर्ड के जरिए बनवाया गया मेडिकल सर्टिफिकेट।
- परिवार या अपनी इनकम को लेकर शपथपत्र
- पेंशन फॉर्म किसी सेंट्रल/स्टेट गजटेड ऑफिसर या एमपी/एमएलए से अटेस्टेड होना चाहिए।
- आंगनवाड़ी सुपरवाइजर या आशा वर्कर की गवाही।
- सेंट्रल या दिल्ली सरकार के गजटेड ऑफिसर का लेटर
- अगर पेंशन मिलने के बाद बैंक अकाउंट या पते में कोई बदलाव होता है तो जानकारी अपडेट करवानी होती है।
कैसे करें अप्लाई
अप्लाई करने वाले को जिले के सोशल वेलफेयर ऑफिस जाना होता है और फॉर्म भर कर जमा करना होता है
goo.gl/tIG38C पर जाकर लिंक से फॉर्म डाउनलोड करके सीधे जमा किया जा सकता है।
कैसे होगा पेमेंट
- 1500 रुपये हर महीने के हिसाब से हर तीन महीने में पैसे ईसीएस के जरिए अकाउंट में आ जाएंगे।
- शारीरिक अक्षमता के लिए पेंशन पाने वाला जब 60 साल या उससे ऊपर का हो जाता है तो वह खुद-ब-खुद ओल्ड एज की पेंशन कैटगिरी में ट्रांसफर हो जाता है।
- पेंशन मिलेगी या नहीं इसका फैसला 45 दिनों के भीतर करना होता है।
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